देवाधिदेव भगवान शिव को अत्यंत प्रिय श्रावण मास का शुभारम्भ 1 अगस्त, 2015 से हो रहा है। इस मास में आशुतोष शंकर जी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके नियमित रूप से अभिषेक करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। कल्याणकारी हैं शिव शिव का अर्थ है "कल्याण"। श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करके सभी के कल्याण की कामना की जाती है तथा तन और मन से शिवोपासना में रुद्राभिषेक, अर्चना, भोग, श्रृंगार आदि करते हुए प्रार्थना, स्तुति, जप, भजन, कीर्तन, मंत्रोच्चारण आदि द्वारा कल्याणकारी कार्यों में प्रवृत्त होकर "शिवमय" होने का शुभ प्रयास किया जाता है। ऐसे करें शिव आराधना कहते हैं कि श्रावण मास में भगवान शंकर को प्रसन्न करने से समस्त देवताओं की पूजा का फल मिलता है। पुराणों के अनुसार, श्रावण मास में शिवलिंग पर प्रतिदिन एक बिल्वपत्र अर्पित करने से मनुष्य के तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। वहीँ भगवान शिव को सर्वाधिक प्रिय सोमवार के दिन शिव साधना करने एवं पूर्ण भक्ति-भाव से पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखते हुए शिवलिंग पर गंगाजल, कच्चा दूध, दही, शहद, बूरा, गन्ने